अटूट रिश्ते

लेखिका- जयति जैन, रानीपुर, झांसी उ.प्र.
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिन्हें कोई नाम देना संभव नहीं होता ! ऐसे रिश्ते को प्रेमी-प्रेमिका के आपसी प्रेम से तुलना करना बेईमानी होगी ! ना ही ऐसा रिश्ता पति-पत्नी के बीच हो सकता है! ये रिश्ता सिर्फ तब बनता है जब
आप किसी को खुद से जायदा जानने लगते हैं, जो आपका हर तरह से खयाल रखता है !
ये रिश्ता एक मजबूत और परिपक्व दोस्ती की निशानी ही होता है, जो किसी भी उमर के दो शक्स के बीच बन सकता है !
जरुरी नहीं कि हम उमर ही हो, जरुरी नहीं कि समलेन्गिग ही हो !
जिस इंसान के साथ ऐसा निस्वार्थ रिश्ता जुड़ता है, ऐसे लोग हर समय दिल में रहते हैं !
ऐसे लोग या लोगों....
ये कहना सही नहीं होगा, क्युकिं वो एक व्यक्ति विशेष ही होता है, और इक समय में एक ही ऐसा व्यक्ति आपके जीवन में सबसे जायदा मायने रखता है!
जिसके साथ आप अपना  हर सिक्रेट शेयर करते हुए नहीं घबराते, जिसकी याद आपको तब सबसे जायदा आती है जब आप बेहद परेशान हो, उसके विचार दिन भर आपको घेरे रखते है, जिससे आपको दिनभर में एक बार बात करना जरुरी हो जाता है !

बहुत ही कम लोगो को ऐसे  दिलचप्स इंसान का साथ मिलता है, जो आपको सिर्फ सुकून देता है ! जिसकी आवाज़ सुनकर ही आपको लगता है कि आपको अब कोई परेशानी नहीं है !
अक्सर ऐसे लोग हर समय शरीर से साथ नहीं रहते, लेकिन हम किसी ना किसी रूप से उनसे जुडे रहते हैं यानी विचारों से, मानसिक रूप से! कुछ ऐसे लोग जो तन-मन-धन से ऐसे इंसान से जुड़ते हैं, वो खुशनसीब होते हैं, क्युकिं आज के समय में कोई आपका अच्छा सोचे, आपको अपना माने वही बहुत है !
ऐसा रिश्ता दोस्ती से बड़करहोता है इसीलिये इसका कोई नाम नहीं होता !
है कोई ऐसा शक्स आपकी भी लाइफ में ???
लेखिका- जयति जैन,
रानीपुर, झांसी उ.प्र.

1 comment: