मोदी जी ने 500-1000 के नोट बंद करने का फैसला अचानक नही लिया, काफ़ी दिनों से तैयारी चल रही थी



फैसला अचानक नही लिया गया,
ये तो जन धन योजना के साथ ही शुरू हो गया था
जब सब लोगो के बैंक खाते खुलवाए गए
उसके बाद उन्हें आधार कार्ड से जोड़ा गया।
उसके बाद इन सब को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जोड़ा गया।
उसके बाद भी काला धन रखने वालो
को इनकम घोषित करने की योजना के तहत 30 सितम्बर तक का वक़्त अघोषित आय की घोषित करने का वक़्त दिया गया।
और उस सब के बाद ये फैसला लागू किया गया।
सच में एक बहुत ही साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है।
वाकई में एक बेहतरीन परिवर्तन मात्र 2 वर्ष के अंदर।
वक़्त का भी बेहतरीन ख़याल रखा गया।
घोषणा के लिए  वक़्त तय किया गया रात्रि 8 बजे का जिसका मतलब की अंत समय पैसा कही भी खपाने की कोई गुंजाइश नही।
क्यों की लगभग हर शहर का सारा सराफा बाजार सेंसेक्स  तथा बैंक सभी बन्द हो चुके थे।
वक़्त का इतना सही प्रबंधन किया गया की इसने हवाला तथा सट्टा बाजार की कमर तोड़ के रख दी।
जो की भारत में लाखो करोड़ का खेल है।
और ऊपर से अमेरिका के चुनाव पे लगे हजारो करोड़ के सट्टे को भी समय के सही प्रबंधन ने
एक दम से खत्म कर के रख दिया।
अमेरिकी चुनाव परिणाम भारतीय समयानुसार रात्रि एक बजे से आने थे और 500 और 1000 के नोट रात्रि 12 बजे से ही बेकार हो गए
यानी सट्टा बाजार पूरी तरह ओंधे मुह गिर गया।
हमें सरकार के इस फैसले का समर्थन करना चाहिए ना की किसी प्रकार की कोई शिकायत ।
भारत में छुपा काला धन  बाहर आ सके
और भारत फिर से  सोने की चिड़िया
बन सके।
ये हम सब देशवासियो के लिए एक मोका है की हम अपने प्रधानमंत्री का समर्थन करे ।
सिर्फ सेना में जाकर ही युद्ध नही किया जाता
बल्कि यहाँ रह कर भी  अच्छे कामो में सरकार के साथ रहकर बहुत कुछ किया जा सकता है।
आओ इकठ्ठा होकर सरकार के साथ खड़े होकर
कालेधन और भ्रष्टाचार की इस लड़ाई को लड़े
हमारे लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे देश के लिए।

बधाई हो आपको एक महान नेता को प्रधानमंत्री के रूप में पाने के लिए।

जय हिन्द।🇮🇳

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