यही आज की सच्चाई है,
अगर समझ आये तो reply दें !
लेखिका-जयति जैन
तब और अब में ज़मीन आसमान का अंतर आ गया है, आज के लोगों को हर चीज में मज़ा चाहिये, उनको आराम भी मिले और उनकी मन की भी होती रहे !
प्यार वो होता है जो सान्सों कि माला टूटने तक पिरोया रहे धागे में !और भी है देखो -
सच तब और अब-
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