पानी कितना पिएँ, कैसे पियें, कब पियें, कब नहीं पिएँ


जिस प्रकार नहाने से शरीर के बाहर की सफाई हो जाती है उसी प्रकार पानी पीने से शरीर के अंदर की सफाई हो जाती है। लेकिन ज्यादातर लोग वर्कआउट या व्यायाम के तुरंत बाद, धूप से आकर पानी पी लेते हैं जो कि खतरनाक होता है।खाली पेट हों तब पानी के सेवन से बचें। खाली पेट पानी पीने से पाचन क्रिया पर इसका असर पडने लगता है। आप हर रोज भोजन भी करते हैं जिसमें पानी की अच्छी मात्रा होती है और उसके उपर से 18 गिलास या 2 लीटर पानी भी पीते हैं तो जाहिर है आपके शरीर में पानी की ओवरडोज भी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में पानी का इतना प्रचार किया गया कि लोगों को लगा यह हेल्थी टॉनिक है और सबका इलाज इससे हो सकता है इसलिए ढेर सारा पानी रोज पिया जाए। इसी कारण  से लोगों ने हर पांच मिनट में पानी पीने की आदत डाल ली है। कुछ लोग खूबसूरत स्किन के लिए पानी पीते हैं और कुछ वजन घटाने के लिए। इसके अलावा हम हर रोज जो खान-पान की सामग्री प्रयोग करते हैं उसमें भी पानी पर्याप्तु मात्रा में पानी पाया जाता है।  पानी का सेवन इन सब में फायदा तो देता है लेकिन जरूरत से ज्याभदा पानी पीना नुकसान दायक हो सकता है इसकी जानकारी कम लोगों को ही होती है। अगर आदमी जरूरत से ज्यासदा पानी पीता है तो किडनी पर एक्स्ट्रा प्रेशर बनता है, हार्ट अटैक भी हो सकता है।

पानी कितना पिएँ – 
हमारे शारीर का 2/3 हिस्सा पानी से ही बना हुआ है. इसलिए शरीर में हर एक काम के लिए पानी की जरुरत है, पानी शारीर के दुर्षित प्रधर्त को नकाल ने में मदत करती है और खाने को पचाने में भी अहम भूमिका निभाती है. काम पानी पिने के कारण कई health प्रॉब्लम होने के आशंका है, और दूसरी तरफ़ बहुत ज्यादा पानी पिने से भी नुकशान हो सकता है, नियंत्रित मात्रा में पानी पीना जरुरी है ! लोग सर्दियां समाप्त होने के साथ ही पानी ज्यादा पीना शुरू कर देते हैं। पानी पीने की आदत अच्छी है, यह वजन कम करती है और आपको फिट भी रखती है। एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 35 से 40 लीटर तक पानी हमेशा बना रहता है। एक वयस्क पुरूष के शरीर के भार का 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री  के शरीर का 62 प्रतिशत पानी होता है।

पानी ( pani ) हमारे शरीर के वजन का  दो तिहाई भाग होता है। हमारे शरीर से लगभग  2.5  लीटर पानी रोजाना निकलता है।  जिसमे से 1.5 लीटर पानी किडनी से ,  आधा लीटर पानी स्किन से , 300 ml पानी फेफड़ों से व 200 ml पानी आँतों से निकलता है। । ये मात्रा गतिविधि ( activity ) ,तापमान , नमी , या दूसरे कारणों से कम या अधिक हो सकता है। इसलिए कम से कम इस मात्रा की पूर्ती हो जाए इतना पानी पीना बहुत आवश्यक है।सादा पानी के अलावा पानी की कुछ मात्रा भोजन से भी प्राप्त होती है।  कुछ मात्रा शरबत , फलों का जूस , दूध आदि से भी पानी मिलता है। इसके अलावा चाय , कॉफी , बियर  से भी हालाँकि  कुछ लोग मानते है की इनसे urine ज्यादा आता है। फिर भी ये पानी water के स्रोत तो है ही । 

पानी कब पियें – 
  • जब भी प्यास लगे तब पानी ( Pani ) अवश्य पियें , टालें नहीं । प्यास बताती है की शरीर को पानी  की जरुरत है।
  • भोजन से आधा घंटे पहले और भोजन के एक घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।
  • भोजन से आधा घंटा पहले दो गिलास पानी पीने से पेट जल्दी भरेगा। खाना कम खाने में आएगा और वजन कम होगा।
  • भोजन से तुरंत पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कमजोर होती है।
  • भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलता है , मोटापा चढ़ता  है और कब्ज की शिकायत हो जाती है।
  • यदि हाई ब्लड प्रेशर हो , लू लगी हो , बुखार , कब्ज , पेट में जलन ,पेशाब में जलन या इन्फेक्शन आदि तरह की समस्या हो तो अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • उल्टी दस्त आदि के समय पानी की कमी ना हो इसके लिए पानी थोड़ा -थोड़ा करके लगातार नमक शक्कर के साथ  पीना चाहिए।अधिक पानी पीने से किडनी में स्टोन आदि की समस्या की सम्भावना कम हो जाती है।
  • वैसे तो शरीर में पानी की कमी का पता प्यास लगने से चल जाता है। लेकिन अधिक उम्र के लोगो में ये प्यास लगने का तंत्र कमजोर हो जाताहै। अतः अधिक उम्र में पानी पीने का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

पानी कब नहीं पिएँ – 
  • गर्म चाय या कॉफी आदि के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  • खीरा , खरबूजा या ककड़ी खाने के बाद पानी ना पिएँ 
  • धूप में से आकर तुरंत पानी नहीं पिएँ। शरीर का तापमान कम हो जाए फिर पिएँ।
  • भुट्टे खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  • बहुत गर्म खाने के बाद ठंडा पानी और बहुत ठंडा खाने के बाद गर्म पानी न लें।
  • खाना खाने के तुरंत बाद अधिक पानी ना पिएँ। एक दो घूंट ले सकते है।

पानी से घरेलु उपचार –  
आंखों के लिए
गले में खराश 
नकसीर
स्वप्न दोष 
बैचेनी और तनाव
मसूड़े व दाँत 
दस्त
दमा 
मोटापा
  • सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नीम्बू का रस मिलाकर पीने से जुकाम ( cold ) , खांसी , कब्ज ( constipation ), सिरदर्द, बदहजमी( indigestion ) आदि में आराम मिलता है। 
  • भोजन के बाद एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस , कब्ज , एमोबायेसिस , पसली का दर्द , गले की प्रॉब्लम , संग्रहणी , हिचकी आदि ठीक हो जाते है। 
  • मोटे व्यक्तियों को , जॉइंट्स में दर्द व सूजन और गठिया से पीड़ित लोगों को गर्म पानी जरुर पीना चाहिए। 
  • गर्म पानी पीने से लीवर को ताकत मिलती है। 
  • पेट के कीड़े , पेट में सूजन , पेचिश आदि में भी गर्म पानी फायदा करता है।
पानी  कैसे पियें – 
  • नवप्रसूता ( नवजात शिशु की माँ ) को अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। तरल की शरीर में कमी ना हो उसके लिए गुनगुना दूध आदि
    तरल पदार्थ लेने चाहिए। फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सवा महीना होने के बाद धीरे धीरे ठंडा पानी पीना शुरू कर सकते है।  शिशु को दूध की कमी न हो इतना पानी और तरल पदार्थ जरूर पीने चाहिए ।

भोजन के बाद हाथों को पानी से धोकर गीले हाथ आपस  में रगड़ कर आंखों पर लगाएँ। थोड़ा सा पानी पलकों पर लगना चाहिये। ये करने के बाद ही हाथ पोंछें। सुबह शाम रोजाना इसे करने से आंखें स्वस्थ और निरोगी रहती है।
एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक और एक चुटकी हल्दी मिलाकर गरारे करने से गले की खराश में आराम मिलता है। दिन में तीन चार बार करने चाहिये। इससे टॉन्सिल के कारण निगलने में परेशानी हो तो वो भी मिटती है।
नाक से नकसीर आ रही  हो तो ठंडे पानी  की धार सिर पर लगातार डालने से नकसीर बंद हो जाती है 
ठंडे पानी से नहाने से या ठंडे पानी के टब में बैठ कर नहाने से स्वप्न दोष ठीक होता है। विशेष कर शाम के समय ये स्नान ले। इसके साथ कामुक विचार त्यागें।
ठंडे पानी से नहाने से शरीर और मन तरोताजा हो जाता है। शाम को ठंडे पानी से नहाने से दिनभर का तनाव और थकान दूर होकर एक सुखद अहसास होता है। भूख खुलती है। बाहर की तेज गर्मी में होकर आए हो तो तुरंत ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए।
गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से दाँत और मसूड़े स्वस्थ रहते है। 
आधा कप उबलते पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर हर घंटे पीने से बार बार पतले दस्त होना बंद होता है।
दमा या अस्थमा का दौरा पड़ रहा हो तो हाथ और पैर दस पंद्रह मिनट गर्म पानी में डुबो कर रखने से आराम मिलता है। 
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में दो चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर रोज पीने से मोटापा घटाने में मदद मिलती है।
 बुखार
 102 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर ठंडे पानी में भीगा कपड़ा सिर पर रखने से बुखार कम हो जाता है। दो दो मिनट से कपड़े को वापिस भिगोना चाहिए।
 गर्म पानी पीने के फायदे – 
ज्यादा पानी पीने से नुकसान

किडनी पर पडता है प्रेशर
जरूरत से ज्या दा पानी पीने से किडनी पर प्रेशर बनता है जो कि नुकसानदायक होता है।
हार्ट के लिए नुकसानदायक 
पानी के ओवरडोज से दिल को भी खतरा होता है, और कभी-कभी पानी का ओवरडोज हार्ट आटैक के लिए जिम्मेहदार हो सकता है।
खाना पचने में दिक्कत
जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद वह रस काम करना बदं कर देता है जिससे खाना पचता है। इस वजह से खाना देर से पचने लगता है और कई बार खाना पूरी तरह से डाइजेस्ट भी नहीं हो पाता है।
खाली पेट न पिएं पानी
लोगों में अक्सेर सोकर उठते ही पानी पीने की आदत होती है। कई बार खाली पेट पानी पीने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती हैं।
:-)


- जयति जैन, रानीपुर, झांसी उ.प्र.


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