योगी जी अब हमे एक ही वचन चाहिये

रचनाकार- जयति जैन, विधा- कविता

योगी जी अब हमे एक ही वचन चाहिये

अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
ना कोई दलित ना कोई बनिया ना ही ब्राह्मण
सारी जातिगत भेदभाव को मिटाईये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
शिक्षा पर सभी का समान हक होना चाहिये
सामान्य भरे 500 तो अन्य के 100 नही होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
जिसने की मेहनत वहीं बस मीठे फल खाइये
अपनी अपनी केटेगिरी में ही नौकरी मिलनी चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
हिंदू हो या मुस्लिम करोडो में हैं जानिये
तदाद इतनी है तो अल्पसंख्यक नहीं होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
40% एससी 80% सामान्य नहीं बल्कि
चिकित्सा में बराबरी के अंक होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
बुन्देलखंड है शान धरा की इतिहास गवाह है
इसे उ.प्र. से अलग राज्य बनाइये 
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
- जयति जैन , रानीपुर झांसी उ.प्र.



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