तेरी जरुरते मेरी चाहत

तेरी जरुरते मेरी चाहत-
लेखिका- जयति जैन,

अगर मैं तुम्हे भूल जाऊ तो मुझे बेवफ़ा कहना,
तेरी वफ़ा ना सही बेवफ़ाई तो याद रखुगी मैं !
अब ना जख्म भरेगे, ना दिल हंसेगा,
ना अब पहले जेसी मोहब्बत होगी !
मैं भी यही हुं तू भी होगा, ना अब दिदार की ख्वाहिश जगेगी !
तुम्हारे लिये तुम्हारी जरुरते पहले थी,
मेरे लिये मेरी चाहत :-(
मुझे भी शोहरत पानी थी, आगे बडना था,
लेकिन तुम्हें साथ लेकर !
कल को तुम्हें फरागत ना थी,
आज मुझे नहीं है !!!

तुम्हें पाने के लिये क्या कुछ नहीं किया,
कितनी बेवकूफ़ियां की, अब एहसास होता है !
लेखिका - जयति जैन
रानीपुर, झांसी उ.प्र.
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